the undiscovered

buxar

लिट्टी चोखा का महात्योहार – बक्सर की पंचकोसी यात्रा

सुबह- सुबह कुहासा में गाड़ी रेंगने के बाद बक्सर के बनते हुए रोड में घुसते ही मिला , सुकून इसलिए की अब सूरज की किरण दिख रही है और आगे की गाड़ी का सहारा लेकर कार को बढ़ाना नहीं पड़ेगा। बक्सर में कुछ ऐसे लोग है जिनके वजह से ये सब कुछ मुमकिन हो पाया, रास्ते में ही मेले की कहानी सुन चुके थे मगर सुनने और देखने में जो फर्क होता है , वही फर्क लिख कर बताने की कोशिश है।