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लिट्टी चोखा का महात्योहार – बक्सर की पंचकोसी यात्रा

सुबह- सुबह कुहासा में गाड़ी रेंगने के बाद बक्सर के बनते हुए रोड में घुसते ही मिला , सुकून इसलिए की अब सूरज की किरण दिख रही है और आगे की गाड़ी का सहारा लेकर कार को बढ़ाना नहीं पड़ेगा। बक्सर में कुछ ऐसे लोग है जिनके वजह से ये सब कुछ मुमकिन हो पाया, रास्ते में ही मेले की कहानी सुन चुके थे मगर सुनने और देखने में जो फर्क होता है , वही फर्क लिख कर बताने की कोशिश है।

her chubby talks

बिहार लोकल की वो लड़कियाँ

दो दिन से बस वक़्त ही निकाल रही हूं इसे लिखने के लिए। तो लॉकडाउन के बाद ये पहली बार बिहार लोकल का सफर कर रही थी, जनता कर्फ्यू के एक दिन पहले की कहानी… Read More »बिहार लोकल की वो लड़कियाँ

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ख़ाकी के पीछे छिपा दृढ़ निश्चय और भोलापन

‘ आपको फ़ोटो का बहुत शौक है ना?” इस सवाल का जवाब नहीं मिला, वो बस चेहरे को नीचे करके शर्मा गई। रविवार को शेरगढ़ जाने वक़्त इनसे मुलाक़ात हुई और हमनें खूब बातचीत की।… Read More »ख़ाकी के पीछे छिपा दृढ़ निश्चय और भोलापन